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QUIDDITCH TRIUMPH AT RETAKE 2024: TOOK FLIGHT ON BROOMSTICKS

 

QUIDDITCH TRIUMPH AT RETAKE 2024: TOOK FLIGHT ON BROOMSTICKS




MUMBAI, December 24, 2023 - Quidditch, the highly anticipated pre-sports event leading up to the national mass media festival Retake, unfolded on December 24, 2023. Organised by the Bachelor of Arts in Multimedia and Communications (B.A.M.M.C) department of L.S Raheja College of Arts and Commerce in Mumbai, the event drew inspiration from the captivating anime theme, "Realm of Odyssey."

Quidditch, an annual pre-sports event, witnessed spirited participation from 11 teams representing different colleges across Mumbai. The event inspired by the Harry Potter movie, was marked by friendly competition and vibrant enthusiasm.


Initiated in a way to engage and entertain Mass Media students, Quidditch has become one of the most awaited events leading up to Retake. The pre-sports event also provides a platform for friendly competition but adds a unique and energetic dimension to the entire festival experience.


The success of Quidditch is proof of the dedicated efforts of Team Retakethe organising body responsible for planning and executing this eventComprising an advisory, chairperson, co-chairperson, vice-chairpersonsheads of various departments, and volunteers, Team Retake worked tirelessly for months to ensure the seamless execution of Quidditch. Quidditch is just one facet of Retake, the national-level Mass Media festival set to take place on January 8th and 9th, 2024. This year's theme, "Realm of Odyssey," immerses participants in the captivating world of anime and promises a unique and unforgettable experience.


As the countdown to Retake continues, expectations are high and the excitement builds.

TRIUMPHANT VICTORS OF QUIDDITCH: 

1st- DEATH' NOTE 

2nd- HAIKYU 

3rd- BLACK CLOVER


For updates and further details, interested individuals are encouraged to follow Retake on Instagram @retake.2024. As Team Retake prepares to make this year's event another success story, the anticipation for Retake On-days heightens.


आर. डी. नेशनल कॉलेज का चार दिवसीय वार्षिक मीडिया उत्सव कटिंग चाय का 16वां संस्करण संपन्न

 



आर. डी. नेशनल कॉलेज का चार दिवसीय वार्षिक मीडिया उत्सव कटिंग चाय का 16वां संस्करण संपन्न 


मुंबई (प्रे.वि) । आर. डी. नेशनल कॉलेज का चार दिवसीय वार्षिक मीडिया उत्सव कटिंग चाई विद्यार्थी, स्टाफ और टीचर्स को चार दिनों के लिए साथ ले आया। कटिंग चाय उत्सव का आयोजन कोर कमेटी ने समन्वयक डॉ. मेघना कोठारी के साथ मिलकर किया था। इस वर्ष कटिंग चाय उत्स्व का टाइटल स्पॉन्सर कल्पवृक्ष था। इस फेस्टिवल में कई कार्यकम थे जिसने श्रोताओं को अंत तक अपनी कुर्सी से बांधे रखा। उत्सव का पहला दिन उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ, जहां कॉलेज के प्रिंसिपल और मुख्य अतिथि, सुश्री सौंदर्या शर्मा और मंजुबेन लोढ़ा जैसे अतिथियों के साथ, छात्रों का स्वागत किया गया और उत्सव शुरू किया गया। इसके बाद रेडियो, आर्ट, स्टॉप मोशन, टेलीप्रॉम्प्टर, और शाम का सबसे अच्छा ईवेट, बैंड जैसे उत्कृष्ट कार्यक्रम हुए। इन आयोजनों ने रिक और मोर्टी, फ्रोडो और गंडालफ, एजेंट जे एंड के जैसे अद्भुत प्रतियोगियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और अद्भुत और लुभावनी प्रदर्शन करने का अवसर दिया। उत्सव के दूसरे दिन, प्रतियोगियों ने परिसर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, पूरे कॉलेज में उनके पीआर की गूंज और उनके उत्साह ने सभी को अपने साथ थिरकने पर मजबूर कर दिया। बाद में उन्होंने एडिटिंग, ड्रामा, स्टोरीटेलिंग, सोलो माइक और फोटोग्राफी इवेंट्स जैसे ढेरों इवेंट्स में हिस्सा लिया। दिन का समापन एक शानदार फैशन शो के साथ हुआ, जहां प्रतियोगियों ने आकर्षक परिधानों का उपयोग करके अपने दिन का समापन एक शानदार फैशन शो कार्यक्रम के साथ किया। तीसरे दिन की शुरुआत पीआर एंट्री के साथ हुई, जहां हर किसी को अपने जोरदार नारों के जरिए अपनी अनूठी पहचान दिखानी थी। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, प्रतियोगियों ने मुख्य फिल्म, पैरोडी मार्केटिंग, विज्ञापन, खोजी पत्रकारिता और जजमेंट डे जैसे विभिन्न आयोजनों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मुख्य फिल्म, खोजी पत्रकारिता, जजमेंट डे जैसी प्रतियोगिताओं ने प्रतियोगियों को गहराई तक जाने और अपनी प्रतिभा को सम्मोहक तरीके से प्रस्तुत करने में मदद की। शाम का मुख्य आकर्षण डांस इवेंट था। शाम के जज शांतनु माहेश्वरी, मेल्विन लुइस और पालकी मल्होत्रा ​​ने इस कार्यक्रम पर अच्छा प्रभाव डाला। प्रत्येक टीम ने अपने विशिष्ट डांस मूव्स और जुनून का प्रदर्शन किया, जिससे एक उल्लेखनीय और अविस्मरणीय शाम बन गई। अंत में, कटिंग चाय 16 के दिन 3 में बहुत उत्साह था क्योंकि प्रतियोगियों ने उनके लिए नियोजित विभिन्न आयोजनों में अपना ए-गेम लाया। कटिंग चाई 2023 का समापन एक भव्य समारोह था, जिसमें प्रतियोगियों और दर्शकों को 6 फीट की ट्रॉफी के विजेता की घोषणा का बेसब्री से इंतजार था। टॉप कोर ने इस कार्यक्रम की मेजबानी की, और संगीत कलाकार प्रतीक गांधी ने अपने हिट एकल के 30 मिनट के सुंदर खंड के साथ मंच पर प्रदर्शन किया। कटिंग चाई कोर कमिटी वीडियो और आफ्टरमूवी को अच्छी प्रतिक्रिया मिली जो समिति और इस उत्सव को जीवंत करने वाले प्रतियोगियों के लिए एक सराहना वीडियो था। डॉ. मेघना कोठारी द्वारा विभागों के प्रमुखों और अध्यक्षों को टी केटल ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। मेलफिकेंट और ऑरोरा, रिक और मोर्टी, गंडालफ और फ्रोडो, जैडिस और गिन्नरब्रिक, और कई अन्य प्रतियोगियों को उनकी अविश्वसनीय प्रतिभा और उत्साह के लिए पुरस्कार प्राप्त करने के साथ प्रतियोगियों के लिए पुरस्कार वितरण सबसे प्रत्याशित खंड था। रिक और मोर्टी कटिंग चाई 16 के विजेता के रूप में उभरे, उसके बाद गैंडालफ और फ्रोडो और जेडिस और गिन्नरब्रिक क्रमशः पहले और दूसरे रनर-अप रहे। इस उत्सव का समापन भावनात्मक उद्वेलन और इस भावना के साथ हुआ कि यह वास्तव में वर्ष का सबसे अच्छा उत्सव था।

आर. डी. नेशनल कॉलेज के वार्षिक मीडिया उत्सव कटिंग चाय का 16वां संस्करण 20 से 23 फरवरी तक!

 


आर. डी. नेशनल कॉलेज के वार्षिक मीडिया उत्सव कटिंग चाय का 16वां संस्करण 20 से 23 फरवरी तक!


मुंबई। मुंबई के बांद्रा स्थित आर. डी. नेशनल कॉलेज द्वारा पूरे जोश और उमंग के साथ उनके मीडिया फेस्टिवल 'कटिंग चाय' के 16वें संस्करण की घोषणा कर दी गई हैं। इस चार दिवसीय उत्सव का आयोजन आर. डी. नेशनल कॉलेज में 20 से 23 फरवरी 2023 तक धूम- धाम के साथ किया गया हैं जिसमें विद्यार्थी 18 प्रतियोगताओं में अपनी कला का प्रदर्शन कर अपने आप को सिद्ध करेंगे. 


यह प्रतियोगिताएं मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को दर्शाएंगी, जैसे कि फिल्म, टेलीविज़न, डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता. बी.ए.एम.एम.सी की समन्वयक  डॉ. मेघना कोठारी का यह मानना है कि अगर आप में विश्वास है तो ब्रम्हांड आपके पक्ष में सब कुछ ले आएगा. यही विश्वास कटिंग चाय के 16वें वर्ष की थीम को जन्म देता है। जो रहस्यमय और चकित करते विरोधी विशेषताओं वाले राज्यों को अलग तरीके से प्रस्तुत करता है और जिसे नाम दिया गया है "चाइमेंशनल पैराडॉक्स."।

यह उत्सव छात्रों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है और साथ ही विद्यार्थिओं, मीडिया जगत में काम कर रहे लोगों और मीडिया में रुचि रखने वाले लोगों को मौका देता है कि वे सब साथ आकर मीडिया के बदलते ट्रेंड, चुनौतियों और उसके समाधान को समझें. मुंबई के करीबन 22 कॉलेज के विद्यार्थी कटिंग चाय में भाग लेकर उसे रोचक व उत्साहपूर्वक बनाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि यह मीडिया को समर्पित भव्य समारोह हर किसी को भाये. 


कटिंग चाय में हर क्षेत्र के लिए कुछ न कुछ है जिसमें टैलिप्राम्प्टर, डैमेज कंट्रोल व इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म जैसी अनोखी प्रतियोगताओं के साथ-साथ फिल्म मेकिंग, डांस, फैशन शो, बैंड व ड्रामा जैसी मुख्य प्रतियोगिताएं भी हैं. यह सारी प्रतियोगिताएं विद्यार्थिओं को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आने के लिए प्रोत्साहित करेंगी और साथ ही उन्हें मीडिया के विभिन्न क्षेत्रों जैसे मूवी मेकिंग, एडवरटाइजिंग व जर्नलिज्म के बारे में काम आने वाली चीज़ें सिखाएंगी. 


इन प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे विद्यार्थिओं के पास मीडिया इंडस्ट्री में काम कर रहे अनुभवी लोगों से बात करने का और उनसे सीखने का सुनहरा अवसर होगा. फेस्टिवल में आने वाले जज का पैनल इंडस्ट्री में अच्छा काम कर रहे और जाने-माने एक्सपर्ट्स का समूह होगा जो अपने अनुभव से केवल और केवल प्रतिभागियों की प्रतिभा के आधार पर अपना सुझाव देंगे. कटिंग चाय फेस्टिवल में फोटोग्राफी,  एडिटिंग, स्टोरीटेलिंग व डबिंग जैसी प्रतियोगिताओं को भी जगह दी गयी है. यह सारी प्रतियोगिताएँ उभरते कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं और साथ ही  दर्शकों को नया व उत्साहित कर देने वाला मनोरंजन देती  हैं।



 

के.सी. कॉलेज के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव किरण का शुभारंभ

 

के.सी. कॉलेज के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव किरण का शुभारंभ

मुंबई (प्रे.वि) । मुंबई के प्रसिद्ध किशिनचंद चेलाराम  (के.सी) कॉलेज के वार्षिक सांस्कृतिक इंटर कॉलेज उत्सव 'किरण 2022' का शुभारंभ शनिवार दिनांक 22 जनवरी को हुआ जोकी गुरुवार दिनांक 27 जनवरी तक जारी रहेगा। छह दिनों तक चलने वाले उक्त उत्सव में किरण, किरण ब्लिट्जक्रीग तथा किरण जूल के तहत के.सी कॉलेज में विभिन्न डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों द्वारा कई कार्यक्रमों के आयोजन किए गए है। 

कल्पना कीजिये एक ऐसी जगह की जो न सिर्फ भौतिक बंधनों से परे हो बल्कि मानवीय बंधनों से भी। किरण की वर्ष 2021 - 22 की थीम ओडीसी टू द इनफिनिट ( Odyssey to the infinite ) - एक असीम दुनिया के रास्ते की खोज । शनिवार दिनांक 22 जनवरी को के. सी. कॉलेज के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव किरण का अनावरण हुआ। सभी कोरोना नियमों का पालन करते हुए शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । कार्यक्रम को और भी भव्य बनाने हेतु एचएसएनसी यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी और प्रोवोस्ट डॉ निरंजन हीरानंदानी, एचएसएनसी यूनिवर्सिटी के कुलपति और के.सी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ हेमलता बागला, के.सी कॉलेज की सांस्कृतिक निदेशक श्रीमती नीता दाम और वाइस प्रिंसिपल डॉ. शालिनी सिन्हा, श्री जस्टिन नायगन, श्री स्माराजीत पाधी, श्री दिलीप रामलिखानी सहित अन्य उपस्थित गणमान्यों ने दीप प्रज्ज्वलित किया। उक्त अवसर पर किरण ब्लिट्जक्रिग की संयोजक डॉ मंजूला श्रीनिवास, किरण जूल की संयोजक श्रीमती  रितिका पाठक, किरण सिस्टेमेटिक चाओस की संयोजक डॉ राखी गुप्ता, किरण फिएस्त्रों की संयोजक श्रीमती गीता ब्रिजवालनी कॉर्डिनेटर श्रीमती तृप्ती मोरे, श्रीमती सुमा नायर, डॉ चारूलता चतुर्वेदी भी उपास्थि थे। जिसके बाद के.सी. कॉलेज की प्राचार्या डॉ. हेमलता बगला ने अपने उत्साहवर्धक शब्दों से विद्यार्थीओं के भीतर एक जोश भरने का कार्य किया । उन्होंने उत्सव के आयोजन पर सभी कमिटी के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की खासकर सांस्कृतिक निदेशक नीता दाम को शुभकामनाएं दी कि उन्होंने सभी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन और नेतृत्व बड़े ही बेहतरीन ढंग से किया । किरण के हर विभाग की कोर कमेटी को मंच पर बुलाया गया । चेयरपर्सन रुखशीन संजना, वीसीपी किरण द फेस्ट-निशांत सलियन, देवांश चौहान, आर्या वाघ, वीसीपी ब्लिट्जक्रेग- कृतार्थ पटनायक, वीसीपी जूल- प्रीतिश राव, वीसीपी सिस्टेमैटिक कैओस- अनुराग पांडे, वीसीपी फिएस्ट्रॉन- कनक नवलकर। 

जिसके बाद एचएसएनसी यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी और प्रोवोस्ट डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कॉलेज उत्सवों की विविधता पर अपने विचार साझा करके दर्शकों को प्रेरित किया, उन्होंने उत्सव में भाग लेने वाले सभी लोगों को बधाई दी और उन्हें शानदार समय बिताने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने किरण को छात्रों के बीच आशा की किरण के रूप में वर्णित किया जो परिसर में आशावाद फैलाती है।

इस कार्यक्रम को एक शास्त्रीय और समकालीन नृत्य प्रदर्शन के साथ आगे बढ़ाया गया, जिसके बाद किरण- द मूवी में ब्लिट्जक्रेग, जूल, सिस्टेमैटिक कैओस, फिएस्ट्रॉन और किरण द फेस्ट जैसे विभिन्न विभागीय उत्सवों को दर्शाया गया।

डॉ. हेमलता बागला और डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने अन्य उप प्रधानाचार्यों और उनके वीसीपी के साथ संबंधित उत्सवों के बैनर का अनावरण किया।

एलएस रहेजा कॉलेज के मीडिया डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव ' रिटेक' हुआ संपन्न


 एलएस रहेजा कॉलेज के मीडिया डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव ' रीटेक' हुआ संपन्न 

मुंबई (प्रे.वि)। वर्ष 2020 काफी कठिन था,सामाजिक जीवन मानो थम सा गया था। चाहे वो स्कूल हो या कार्यालय सभी को पढ़ाई तथा काम घर से यानी 'वर्क फ्रॉम होम' करना पड़ा। लेकिन बावजूद इसके एल एस रहेजा कॉलेज के मीडिया डिपार्टमेंट ने 'न्यू नार्मल' को अपनाते हुए अपना वार्षिक उत्सव रिटेक (2021) ऑनलाइन आयोजित किया जिसे विद्यार्थियों का भरपूर प्रतिसाद मिला। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस उत्सव के पहला दिन की शुरुआत उद्घाटन समारोह से हुई जिसमे माता सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए विद्यार्थियों द्वारा 'सरस्वती वंदना’ दीपों की पारंपरिक रोशनी के साथ खूबसूरती से गाया गया। उद्घाटन समारोह के बाद शुरू हुए उत्सव में पहले गेमिंग एक्टिविटी  कॉल ऑफ़ ड्यूटी: मोबाइल रखी गयी जिसमे मोस्टली सेन विजयी रहा। ‘रीबूटल पैनल’ और ‘टार्गेटेड बज़’ ब्रांड प्रमोशन पर आधारित दूसरी एक्टिविटी थीं उसके बाद कैंडिडेट टॉक शो रखा गया और पहला दिन की समाप्ति हुई जिसमे सभी प्रतियोगियों ने अपनी क्षमता और कौशल का परिचय दिया । दूसरे दिन की शुरुआत एक राष्ट्रीय शार्ट फिल्म ’एंड एक्शन’ के साथ हुई, जहां प्रतियोगियों ने शक्तिशाली संदेश के साथ-साथ अपनी सिनेमाई कलात्मकता भी प्रस्तुत की। कुछ अन्य कार्यक्रम भी थे जैसे ‘हैप्पी आवर्स’ जो एक हास्य कार्यक्रम था जहाँ प्रतियोगियों ने अपनी नृत्य क्षमता का प्रदर्शन किया। उत्सव के अंतिम दिन की शुरुआत व्लोगिंग इवेंट  ‘बी योर कंटिंजेन्ट ’के साथ हुई, जिसमे सभी प्रतियोगियों ने ग्रैंड एंट्री की ,टीम रिटेक ओवर को जीतने के लिए कुछ हास्यास्पद रचनात्मक विचारों से बढे हुए बैनर, फेस पेंट, खेल सभी ग्रैंड एंट्री में शामिल थे। 3 दिन तक चलने वाले इस फेस्ट का आखिरी कार्यक्रम  ‘रेज योर माइक ’ था जहां हर प्रतियोगी ने दिलों को छूने वाली गायकी की 

 रचनात्मक नारों से लेकर टीम बनाने और उत्सव के दौरान अन्य प्रतियोगियों का समर्थन करने तक, पीआर में आकस्मिक प्रयासों के साथ कोई कसर नहीं छोड़ा गया । अंत में रिटेक 2021 समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ, जिसमे फ्लाइंग बीस्ट ने बेस्ट कॉन्टिजेंट होने का गौरव हासिल किया, वही सबसे अच्छे पीआर का पुरस्कार बीबी की वाइन्स ने हासिल किया। जिसके बाद सभी प्रतियोगीयो तथा आयोजको ने भावुक हो रिटेक की समाप्ति की।


एलएस रहेजा कॉलेज के मीडिया डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव ' रीटेक' 28, 29 तथा 30 जनवरी को

 

एलएस रहेजा कॉलेज के मीडिया डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव ' रीटेक' 28, 29 तथा 30 जनवरी को 

इस वर्ष सभी कार्यक्रम होंगे ऑनलाइन

मुंबई, प्रेस विज्ञप्ति : हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुंबई स्तिथ एल एस रहेजा कॉलेज के मीडिया डिपार्टमेंट के द्वारा आयोजित 'रीटेक' वार्षिक उत्सव 28,29 तथा 30 जनवरी को सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश को ध्यान में रख ऑनलाइन होने जा रहा है.जिसके चलते यह उत्सव राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जा रहा है.

क्या है रिटेक?

रिटेक एक वार्षिक इंटर कॉलेज समरोह है. इस समरोह का अयोजन एल.एस.राहेजा कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स महाविद्यालय के बीएमएम पढ़ने वाले छात्र करते है. रिटेक आपके पास मौजूद प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने के लिए समय और अवसर का एक मंच है.रिटेक पिछले समय और वर्तमान में खुद को मापने का एक शीशा हैं. जिस मंच से एक व्यक्ति खुद की प्रतिभा ढूंढ सके और उसे दुनिया तक पहुँचा सके.

इस साल जब हम सभी कोरोना महामारी के कारण लौकडाउन में थे , तब डिजिटल क्रियेटर्स ने हमें ख़ुश रहने मे बहुत मदद की थी. उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता के रूप में हम सब ने इस साल रिटेक का विषय रखा है ‘डिजिटल क्रियेटर्स ऑफ यूट्यूब’ – वर्चुअल ग्रैंड स्टैंड. हर महाविद्यालय जो रीटेक का भाग लेगा, उन्हें यूट्यूब का एक निर्माता मिलेगा जैसे भूवन बाम, तनमय भट्ट, बीयर बाइसेप आदि। और उन्हें उस निर्माता के काम के ईर्दगिर्द अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना है.

पिछले साल रीटेक का विषय ‘टीम ऑफ एमसीस’ था जो सारे रैपर पर आधारित था.

ऑनलाइन होगा रीटेक:

रीटेक पांच वर्ष से हो रहा है पर इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण हमने रीटेक ऑनलाइन करने का फैसला लिया है 

इस साल रीटेक में कुल मिलाकर ६ प्रतियोगिताएं है. अब क्यों कि यह आनलाइन है तो इनमे से कुछ प्रतियोगिताएं जैसे फोटो खींचना, कहानी सुनाना या फिर नृत्य, होंगी जिसमे प्रतियोगी खुद का काम पहले ही रिकॉर्ड करके भेज देंगे और रीटेक के दिन पर उनका काम ऑनलाइन दिखाया जायेगा विडियो के ज़रिए से और उसपर फिर निर्णय ले कर परिणाम बताया जायेगा.५ साल से रीटेक के न्याय  और माहौल की बहुत प्रशंसा हुईं हैं . ये साले रिटेक तीन दिन के लिए है। सारी प्रतियोगिता तीन दिनों में बांटी गयीं हैं. हर साल हम “क्विडिच” नाम का खेल खेलते थे जो फिल्म और किताब 'हैरी पॉटर’ के खेल ‘क्विडिच’ पर आधारित था.यह एक अनोखा वर्ष है जिसमें महामारी होने के बावजूद रिटेक हो रहा है. ‘क्विडिच’ के रूप में एक आश्चर्यजनक घटना की घोषणा करते हुए हमें अत्यंत खुशी होगी.हर साल ‘क्विडिच’ में जो रोमांच था वह अभी भी बना रहेगा और प्रतिभागियों द्वारा दिखाया गया उत्साह और समूह कार्य  “ज़ूम” पर दिखेंगा. इस वर्ष हम रिटेक कि खुशी को डिजिटल माध्यम से फिर चमकाएंगे और इस महामारी में देश के संकल्प को आगे बढ़ाए.

रीटेक  आई.एस.आर. के बारे में : 

जैसे ही महामारी ने देश पर प्रहार किया, लोगों को मूलभूत आवश्यकताओं की कमी हो गई. मुख्य तौर पर खाद्य पदार्थों जैसी अनिवार्य वस्तु तक लोगो को नही मिल पा रही है. जिसके कारण रिटेक ने एक सामुदायिक फ्रिज की ओर योगदान करने का विकल्प चुना है जहां एल एस रहेजा कॉलेज के बीएमएम विभाग के छात्रों द्वारा भोजन जरुरतमंदो को उपलब्ध कराया जाएगा और लोगो को प्रेरित किया जाएगा कि भोजन इस समुदायिक फ्रिज में रखे. यह पहल समाज के कल्याण और विकास में योगदान करने के लिए की जा रही है. जैसा कि यह गतिविधि पश्चिमी और केंद्रीय लाइन के छात्रों द्वारा अधिकतम पहुंच को कवर करने वाले शहर के दो स्थानों में की जाती है. बांद्रा और माटुंगा ऐसे स्थान हैं जहां छात्र कम दूरी में सामाजिक दूरी और सभाओं को बनाए रखते हुए एकत्र हुए हैं. पदार्थों को उनके घर से छात्रों द्वारा पहल के प्रति उनके समर्थन के रूप में लाया गया है.


महशूर युट्यूबर आशीष चंचलानी अब दिखेगे बिग बॉस सीजन 14 में , ट्विटर पर दी जानकारी

 

महशूर युट्यूबर आशीष चंचलानी अब दिखेगे बिग बॉस सीजन 14 में 

ट्विटर पर दी जानकारी 

उल्हासनगर। उल्हासनगर तथा देश दुनिया में अपना एक अलग नाम बना चुके आशीष चंचलानी आखिर अब बिग बॉस के सीजन 14 में दर्शको को एंटरटेन करते दिखेंगे। आपको बताते चले कि आशीष चंचलानी ने स्वयं अपने ट्विटर अकाउंट पर इस चीज़ की जानकारी अपने फैंस को दी। 


आशीष चंचलानी ने ट्वीट किया 

"Biig bosss i am coming baby... Milte hai jan mein guys see ya :" 



 

यह देखना काफी रोमांच जनक होगा कि अब तक यूट्यूब से सभी का दिल जीतने वाला आशीष किस तरह बिग बॉस में दर्शको का मनोरंजन करते है । 

Happiness Hour Organised by Rotaract Club of K.C. College

 

Happiness Hour Organised by Rotaract Club of K.C. College



Mumbai, Press Release : "Happiness Hour" is a project conducted by The Rotaract Club of K.C. College every year. The concept of "Happiness Hour" is to celebrate World Orphan's Day by having Rotaractors from all over the world spend time in orphanages. This project has also been recognized by Rotary International. Our enthusiastic set of collaborating clubs hold different kinds of workshops for the kids, give donations, have art sessions and conduct many more activities with them. The idea is to provide each child the joy of celebrating World Orphan's Day and give them a bunch of unforgettable memories. RCKC reaches out to Rotaract and Interact Clubs from all over the globe. Last year we had over 200+ Clubs who took active part in this project and this year, we're just soaring higher. 


Even with the global pandemic this year, we're making sure of taking all kinds of precautions and going digital. We have over 380+ clubs from 100 different districts from all over the world. Covid-19 hasn't shaken our spirit one bit and our motto of spreading a smile on each child's face is just getting stronger. Happiness Hour happens every year with the aim of spending an hour of happiness with the orphans on the day of World Orphans Day. This year that day came on 13th November and hence the Team donated story books, notebooks and pens for the orphans.


By Rotaract Club of K.C. College


टीवी कलाकार आशीष रॉय का निधन आर्थिक तंगी की वजह से नही करवा पा रहे थे ठीक से अपना इलाज


टीवी कलाकार आशीष रॉय का निधन, आर्थिक तंगी की वजह से नही करवा पा रहे थे ठीक से अपना इलाज  

मुंबई। टीवी इंडस्ट्री के जाने माने कलाकार आशीष रॉय का मंगलवार सुबह निधन हो गया. वह 55 साल के थे. आशीष राय के निधन से बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री शोक में डूबी हुई है. 'ससुराल सिमर का', 'बनेगी अपनी बात', 'ब्योमकेश बख्शी', 'यस बॉस', 'बा बहू और बेबी', 'मेरे अंगने में', 'कुछ रंग प्यार के ऐसे भी' और 'आरंभ' जैसे दर्जनों टीवी शोज करने वाले कलाकार आशीष राय काफी महीनों से बीमार थे. बताया गया है कि आशीष राय भी आर्थिक तंगी की वजह से ठीक से अपना इलाज नहीं करवा पाए थे. आशीष राय की दोनों किडनी फेल हो गई थीं, जिसकी वजह से उनका निधन हुआ. उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों से मदद की अपील भी की थी.  गौरतलब है कि आशीष राय को दो बार लकवा के स्ट्रोक आ चुके थे. बीते साल से ही उनकी स्वास्‍थ्य को लेकर समस्याएं चल रही थीं. लेकिन इस साल उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई. आशीष रॉय ने टीवी के अलावा हॉलीवुड फिल्मों की डबिंग भी की है. वह एक वॉयस ओवर आर्टिस्ट भी थे. उन्होंने 'सुपरमैन रिटर्न्स', 'द डार्क नाइट', 'गार्जियन्स ऑफ द गैलेक्सी', 'द लेजेंड ऑफ टार्जन' और 'जोकर' जैसी कई फिल्मों के विभिन्न किरदारों के लिए डबिंग की है. आर्थिक तंगी से जूझ से आशीष ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि सुबह की कॉफी बिना शक्कर की. ये मुस्कुराहट मजबूरी में है जी. भगवान उठा ले मुझे. कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में आशीष ने कहा था कि 2019 में लकवा मार जाने के बाद वह ठीक हो गए थे, लेकिन उन्हें कोई काम नहीं मिला. काम नहीं मिला तो उन्होंने अपनी जमापूंजी के दम पर ही गुजारा करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे सब खत्म हो गया.उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं अकेला हूं तो इस वजह से दिक्कतें तो हैं. मैंने शादी नहीं की है. जिंदगी आसान नहीं है. उन्होंने कहा था की मुझे लगता है कि मैं अपनी बहन के पास कोलकाता शिफ्ट हो जाऊंगा इंडस्ट्री में किसी को तो मुझे काम देना होगा, नहीं तो आपको पता है कि क्या होगा.



A take on one of India's hotshot filmmakers ( Sanjay Leela Bhansali)

 A take on one of India's hotshot filmmakers ( Sanjay Leela Bhansali)

Introduction and Early Life

When we think about the Great Filmmakers this land has produced, we think of names such as Guru Dutt, Raj Kapoor, Satyajeet Ray and V Shantaram.  While V Shantaram’s cinema was more about Social Reforms and how we can affect society through cinema, Guru Dutt’s cinema was more about Personal suffering and the journey of an individual through the test of time.

One such director whose film are centered around the journey of an individual is Sanjay Leela Bhansali. Born in the chawls of Byculla, Sanjay didn’t have a very comfortable childhood. His father was a film producer, but lost tons of money due to the failure of his films. His father owed people huge sums of money and the debt made Bhansali family’s life miserable.

Whenever I watch a Bhansali Films, I feel the rush of emotions in my body. The opulence and the grandeur, along with the drama, the pure human emotions, the love, the fear, the affection, the sensitivity, the desire overwhelms me. When asked about where his quest for beauty comes from, Bhansali said “From the lack of beauty in my life”.  Deprevation is very important for an artist and we can see it clearly in Sanjay’s cinema. His love for huge sets comes from the love he has for Mughal e Azam. When Bhansali watched Mughal e Azam as a child, he found the beauty he was searching for in Cinema. 

After graduating from FTII, Pune Bhansali started working under Vidhu Vinod Chopra as an Assistant Director. Sanjay assisted Vidhu on Parinda. Looking at the potential and dedication of Bhansali, he asked Bhansali to work with him on his upcoming projects 1942 – A Love Story and Kareeb.

Bhansali’s Films which created a huge impact on me




After working on Kareeb under Vidhu Vinod Chopra, Bhansali had gained enough experience to have his own opinions on filmmaking. Sometimes opinions don’t match and that’s what happened between Vidhu and Sanjay. Sanjay decided to start directing films. He made his directorial debut with Khamoshi – The Musical released in the year 1996. As he worked as an AD with Vidhu, Sanjay managed to create a network with the stars at that time. Sanjay managed to sign huge stars of the 90s Salman Khan, Manisha Koirala and Nana Patekar for his film. 

The film generated good buzz around it as it starred big stars, but the film turned out to be commercial disaster. The film however received critical acclaim and was said to be one of the best musicals ever made in Hindi Cinema. The film was about the daughter of a deaf – mute couple and the ups and downs in her romantic relationships. The film received great reviews for its Direction, Acting and Music. In 1996 Filmfare awards, Sanjay Leela Bhansali received Filmfare award for Best Film (critics). 


Hum Dil De Chuke Sanam 

Sanjay Leela Bhansali rose to prominence with his second film Hum Dil De Chuke Sanam released in 1999. The film was made on a budget of 16 crores generated a net revenue of more than 51 crores. The film is still counted as one of biggest hits of Hindi Cinema, when we compare the Return on Investments. After Hum Dil De Chuke Sanam, Bhansali made the presence felt as a director who makes films with humongous sets and the attention to detail. The film is a visual delight, the music, the set design, the camera movement, the lighting was something which was never seen before in Hindi Cinema. 

Ismail Darbar, who composed the music of Hum Dil De Chuke Sanam in one of his interviews said that “Sanjay has a great sense of Hindustani music. It was a delight working with him.”

Devdas

The film is a Visual Spectacle, the way Bhansali has used Red as a color for passion and love is worth appreciating. The choreography and music are one of the best in the history of Hindi Cinema. My personal favorite is Dola Re Dola. The beautiful song sung by Shreya Ghoshal and Kavita Krishnamurthi and Choreographed by Saorj Khan has one of the most complex dance sequences ever. The fusion of Kathak and Bharatanatyam performed brilliantly by Madhuri and Ashwariya is a visual delight. The music of the film is beautiful, the music has a strong classical base to it, unlike Hum Dil De Chuke Sanam which is more mainstream in its approach.

The film showcases Bhansali’s passion for the grandeur of this country. The work gone into the research of the Lifestyle of Kothas, the Lifestyle near Banaras Ghats the, Lifestyle in the Havelis of Calcutta, The Steam Engines is worth noticing. Talking about Sharukh Khan portraying the role of Dev which was once portrayed by great Dilip Kumar, Bhansali said “If Shahrukh would have denied to do Devdas, I wouldn’t have made the film. I could see Devdas in Sharukh. I felt where Madhuri’s era ends, Ash’s era starts, so the collation of great actresses made me excited”.

Black 

Using colors as a medium to evoke certain emotions is a signature of Bhansali’s cinema. As the title suggests, Bhansali used Black shades to portray the darkness in the life of a blind person. Bhansali uses white to show the brightness missing in the life of the blind people. 

Black throughout its runtime doesn’t feel preachy at all. The film is meant to tell a story about a deaf blind girl and a teacher and how they live their life. 

Amitabh Bachan just before the release of Black said that this movie will take Indian Cinema to new standards.  On a podcast with Neha Dhupia, Ranbir Kapoor who worked as an AD on Black described Bhansali as a hard task master who could do anything, sometimes even get violent with his crew to get that perfect shot. Ranbir said everything he knows and understands about movies is because of Bhansali, A day on the set of a Bhansali film is like a lecture on cinema.

Goliyon Ki Rasleela Ramleela  

I would like to call it a Gujarati Romeo and Juliet. This was Bhansali’s first collaboration with Ranveer and Deepika. Also, this was the first film of Bhansali where he solely directed the music of the film. The film is like a painting, showing the shades of Red, Blue and Green which depict the colorful life around the town.

 The film is set in Gujarat where two castes, the Rajadis and the Saneras are involved in a centuries old conflict. The film is extremely entertaining, Bhansali holds the attention of the audience when the Gujarati folk music is played in the background and the title appears on the screen and manages to hold the attention throughout its runtime. I loved the way colors were used in the costumes of the characters, the relationship between both communities, how the modern generation is involved in a centuries old conflict and the transition of a romantic relationship between the leads is interesting. 

The film’s title gave rise to multiple controversies. The name was changed from Ramleela to Goliyon ki Raasleela Ramleela. The film’s portrayal of both castes also raised questions amongst the people of Gujarat.

Bajirao Mastani

This is by far my most favorite Bhansali film. The attention to detail, the beauty of Maratha Empire, gorgeous costumes, splendid set design, fantastic camera work, outstanding performances and last but not the least, absolute brilliance of Bhansali’s direction makes Bajirao Mastani a film that will be remembered for centuries. For me, apart from the technical aspects, the most important thing is I shouldn’t get bored for even a minute, Bajirao Mastani successfully grabs my attention throughout its runtime. Even though the film was promoted as a romantic film set in an era of wars and conflicts, it feels more like a Family Drama and the conflicts that arise as a result of a romantic relationship between Peshwa Bajirao and Mastani. 

The character design grabbed my attention throughout. The music, the background score creates a kind of mystery and a sense of excitement in the mind. You are a part of Bhansali’s world, Bhansali throws you in between the drama right from the very first scene when new Peshwa is to elected. The cinematography by Sudeep Chatterjee is extraordinary. The long shots, multiple one take scenes between Bajirao and Kashi Bai, the confrontational scenes are all shot beautifully.

The film is a masterclass in acting for budding actors. The technicalities like camera movement, sound design and editing are all important, no doubt but they are all used with respect to the performance of the actors.  Priyanka is fantastic as Kashi Bai. Kashi Bai is my favorite character in the film. Vulnerability, ability to listen and react, getting into the skin of the character, Priyanka absolutely nails it. Of course, Ranveer is great as Bajirao, he kills it with the accent and mesmerizes with his expressions. Deepika is good as Mastani and justifies her character. 

Padmaavat 

Originally titled as Padmavati, the film was caught up with controversies right from the start. Freedom of expression is absolute and filmmaking is an art, art deserves its freedom. 

Like I said before, Bajirao Mastani is like a masterclass in acting, Padmavat is a masterclass in set design and cinematography. Cinematography has been done by Sudeep Chaterjee(Bajirao Mastani), Sudeep gets his shots right. The long take shots between Allaudin Khilji (Ranveer Singh) and Maharawal Ratan Singh (Shahid Kapoor) gives you goosebumps. They kingdom of Chittor is beautifully designed. 

Even though the film was caught up in controversies, it turned out to be a huge success at the Box Office.

Special mention to the supporting characters, Malik Kafur played by Jim Sarbh and Mehrunissa played by Aditi Roy Hayadri. The supporting characters kind of carry this film, they are as interesting as the main characters.

The Bhansali Elements

Every filmmaker has his/her trademark style of filmmaking. Bhansali has his own style. He uses certain elements that actually play a part in the film and are recurring patterns across his films.

1. Water Element 

         Talk about the scene where Mastani tells Bajirao that she is pregnant or the scene of Bajirao’s death or the scene where Bajirao expresses his love for Mastani, it all involves water as a part which is driving the scene. The death of Ram and Leela, the climax scene in black between Michelle and Debraj, the whole sequence of Banaras ghat in Devdas, all the scenes involve water as a supporting element in the film. 


2. Fire Element

        Paaro burns the letter when Dev urges her to forget their relationship. Kaashi bai burns the curtain of Sheesh Mahal when she sees Bajirao and Mastani together. There are multiple sequences across every Bhansali film which involves fire as a recurring element in the story.

Conclusion 

Bhansali is a director I feel who has the potential to take Indian cinema to great heights. He revolutionized the main stream films in India and his kind of filmmaking is appreciated across the world.


  By Gaurav Chawla



  









मिशन बिगिन अगेन' ३ जून से तीन चरणों में खुलेंगी सभी दूकानें, मनपा आयुक्त उन्हाले ने जारी किए आदेश



उल्हासनगर, (संतोष झा)। मिशन ‘बिगिन अगेन’ के अंतर्गत महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार उल्हासनगर में भी 3 चरणों में 30 जून तक छूट देने की घोषणा मंगलवार को मनपा आयुक्त समीर उन्हाले ने की. इस संदर्भ में विशेष जानकारी देते हुए शिवसेना नगरसेवक अरुण आशान ने बताया कि उल्हासनगर में तीन चरणों में दुकानें खोलने की अनुमति दिए गई है. कन्टेनमेंट जोन में सरकारी आदेश के तहत अत्यावश्यक सेवा के तहत ही दुकानें खुलेगी. तीन चरणों में जो दुकानें खोलने का आदेश दिया गया है वो इस प्रकार है-

पहला चरण 3 जून  

आयुक्त की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार 3 जून से शुरू होनेवाले प्रथम चरण में आने वाली बारिश से संबंधित सभी दुकाने जरूरत के सामान जैसे इलेक्ट्रिकल, प्लंबर, बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर, पेस्ट कंट्रोल, पतरा, ताल पत्री, लोखंड इत्यादि। खेल मैदान, निजी खेल मैदान, सार्वजनिक खुली जगहों पर लोगों को तड़के 5 से शाम 7 बजे तक साइकिलिंग, जॉगिंग, वॉकिंग की अनुमति होगी. किंतु समूह में गतिविधियों को अनुमति नहीं होगी. इसी तरह गैरेज और वर्कशाप में पूर्व समय निश्चित कर सेवाएं दी जा सकेंगी. सभी सरकारी कार्यालय 15 प्रतिशत की क्षमता के साथ कार्य कर सकेंगे. शादी समारोह पर 50 लोग और निधन होने पर 20 लोगों के शामिल होने की मंजूरी दी गई है.

दुसरा चरण ५ जून

५ जून से शुरू होनेवाले दूसरे चरण में सभी मार्केट, मार्केट एरिया और दूकानों को शर्तों के अनुसार सुबह 9 से शाम 5 बजे तक व्यापार करने की अनुमति होगी, किंतु मॉल्स और मार्केट काम्प्लेक्स को छूट नहीं होगी. शहर की मुख्य सड़कों पर सभी दुकानें पी १ पी २ की पद्धति से खोली जाएगी जिसमें कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा.

तीसरा चरण ८ जून

मनपा आयुक्त द्वारा जारी आदेशों के अनुसार 8 जून से शुरू होनेवाले तीसरे चरण में सभी निजी कार्यालयों को 10 प्रतिशत कर्मचारियों की क्षमता के साथ कार्यालय शुरू करने की अनुमति होगी, जबकि अन्य कर्मचारी वर्क फ्राम होम की तर्ज पर कार्य कर सकेंगे. निजी कार्यालय के मालिकों को कर्मचारियों के लिए सैनिटाइजेशन प्रोग्राम लेना होगा. आयुक्त ने आदेश में स्पष्ट किया कि अब जिन मामलों में छूट प्रदान की गई है, उसके लिए अब किसी भी सरकारी प्राधिकृत अधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी.

- कंटेनमेंट जोन में केवल अत्यावश्यक सेवा

आदेशों में कहा गया कि कंटेनमेंट जोन में केवल अत्यावश्क गतिविधियों को ही छूट रहेगी. इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की आवाजाही न हो, इसका कड़ाई से पालन किया जाएगा, जबकि मेडिकल इमरजेन्सी और जीवनावश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाएगा.

उल्हास ट्रेड असोसिएशन (यूटीए) के कार्याध्यक्ष दीपक छतलानी ने दुकानें खोलने की मिली अनुमति पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि टीओके के अध्यक्ष ओमी कालानी के मार्गदर्शन में हम यूटीए की तरफ से महापौर लीलाबाई आशान, उपमहापौर भगवान भालेराव तथा शिवसेना नगरसेवक अरुण आशान के साथ मनपा आयुक्त समीर उन्हाले से मिले मिलकर उन्हें जल्द दुकानें खोलने की अनुमति देने का अनुरोध किया.
उल्हासनगर ५ के यूटीए अध्यक्ष दिनेश लहरानी ने दुकानें शर्तों के साथ खोलने की अनुमति दिए जाने पर अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि हम शुक्रगुजार हैं महापौर, उपमहापौर और आयुक्त के. हमें शहर को सुरक्षित रखना है. इसके लिए व्यापारियों को कड़ाई से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है. श्री लहरानी ने विशेष रूप से ओमी कालानी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि लॉक डाउन के बाद से वे लगातार व्यापारियों की समस्याओं को समझ रहे थे और उन समस्याओं का समाधान करवाने की कोशिश में लगे थे.

देर रात 15 मरीजों के मिलने से मचा हड़कंप


उल्हासनगर में कोरोना का कहर हुआ तेज



उल्हासनगर (नि.सं.)। काफी लम्बे समय तक कोरोना मुक्त रहा उल्हासनगर में कोरोना अब कहर बनकर टूटने लगा है, 27 मरीजों का उल्हासनगर के कोविड-19 अस्पताल (कैंप-4) में पहले से ही इलाज चल रहा था कि शुक्रवार देर रात को 15 नये मरीजों के मिलने की खबर से शहर में हड़कंप मच गया और लोगों की नीन्द हरामद हो गयी. सोशल मीडिया में यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गयी और लोग खुद को असुरक्षित सा महसूस करने लगे। 15 नये मिले मरीजों का तुरंत ही इलाज शुरू कर दिया गया और उनकी स्थिति पर बारिकी से नजर रखने के साथ ही प्रशासन और पुलिस विभाग अब इन मरीजों के संपर्क में आये लोगों को क्वारंटाईन करने की दिशा में काम कर रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर रात करीबन 12 बजे उल्हासनगर में 15 नये कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने के बाद जहां प्रशासन सकते में आ गया वहीं डॉक्टरों की टीम ने इन मरीजों का इलाज शुरू कर दिया, इसके साथ ही मनपा प्रशासन और पुलिस विभाग ने इन 15 नये मरीजों के संपर्क में आये लोगों की पहचान शुरू कर दी है, ताकि उन लोगों को समय रहते कोरंटाईन कर कोरोना को उल्हासनगर में और अधिक फैलने से रोका जा सके। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर रात जो 15 नये कोरोना मरीज मिले हैं उनकें 9 कोरोना मरीज सम्राट अशोक नगर से हैं, जबकि 5 में चोपड़ा कोर्ट और शांतिनगर के मरीजों का समावेश है, जबकि 1 मरीज गोल मैदान परिसर से मिला है। सूत्रों के अनुसार उल्हासनगर में इन नये 15 मरीजों के मिलने के साथ ही कोरोना मरीजों का आंकड़ा 42 हो गयी है, इन मरीजों में से हालांकि 11 बदलापुर और 3 कल्याण और 13 उल्हासनगर के हैं, इन सभी 42 मरीजों का इलाज कैंप-4, मुख्य बाजार स्थित सरकारी प्रसुति गृह यानी कोविड-19 अस्पताल में इलाज चल रहा है।

उल्लेखनिय है कि कोरोना प्रभावित अब तक चार मरीज स्वस्थ हुए हैं तथा एक ८७ वर्षीय वृद्ध महिअ की मौत हो चुकी है। बताते चलें कि कैंप निवासी 19 मार्च को कोरोना की पहली मरीज शहर में पायी गई जो 26 मार्च को स्वस्थ होकर घर वापस आ गई वो अब तक ठीक है, उल्हासनगर-5 निवासी धारावी के क्लिनिक में कार्यरत युवक जिसे कोरोना हुआ था वो भी स्वस्थ होकर घर वापस आ गया है। उल्हासनगर-4 निवासी मुंबई के भाभा अस्पताल में कार्यरत कोरोना ग्रस्त नर्स भी ठीक होकर घर वापस आ गई है। साथ ही उल्हासनगर-4 मुंबई के येलोगेट पुलिस थाना में कार्यरत कोरोना ग्रस्त पुलिसकर्मी भी स्वस्थ होकर घर लौटा है। उपरोक्त चारों कोरोना मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। जबकि उल्हासनगर-3 फाल्वर लाईन, इमली पाड़ा परिसर निवासी एक 87 वर्षीय वृद्ध महिला की मौत हो चुकी है। गौरतलब हो कि उल्हासनगर-4 परिसर कोरोना का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है यहां सबसे अधिक 12 कोरोना के मरीज मिले हैं। कैम्प 4 संभाजी चौक निवासी पुलिस कर्मी के चार परिजनों का ईलाज अभी भी कोरोना अस्पताल में चल रहा है। साथ ही कैम्प 4 मराठा सेक्शन निवासी मुंबई के सायन में मेडिकल एजेंसी में कार्यरत युवक को कोरोना हुआ था उसके बाद उसके संपर्क में आए उनके परिजनों सहित 4 लोग कोरोना बाधित हो गए। उल्हासनगर-3 में फाल्वर लाईन में जिस वृद्ध महिला की मौत हुई उसका 60 वर्षीय पुत्र कोरोना पॉजिटिव पाया गया. वहीं कैम्प 3 में ही शांतिनगर रोड, चोपड़ा ब्राह्मणपाड़ा में एक पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाया गया।

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महाराष्ट्र में १० जून तक आ सकता है १०वीं और १२वीं का रिजल्ट


आंसरशीट जांचने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन से दी छूट


मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने 10वीं और 12वीं की उत्तरपुस्तिका जांच में लगे शिक्षक, मॉडरेटर और अधिकारियों को लॉकडाउन के दौरान यात्रा करने की छूट दी है.राज्य में स्कूल और जूनियर कॉलेज बंद हैं, इसलिए बड़ी संख्या में १०वीं और १२वीं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है. स्कूली शिक्षा विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वंदना कृष्णा ने राज्य के सभी आयुक्त और जिला अधिकारियों से शिक्षकों को लॉकडाउन में मूल्यांकन के लिए विशेष छूट देने के लिए कहा था.शिक्षा विभाग की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया था कि १०वीं और १२वीं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए इससे जुड़े लोगों को शर्तों के साथ आने-जाने की छूट दी जाएगी. सर्कुलर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत 10 जून तक १०वीं और १२वीं का नतीजा घोषित हो जाना चाहिए. इसीलिए उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होना जरूरी है. इसीलिए जो उत्तर पुस्तिकाएं पोस्ट ऑफिस में पड़ी हैं, उनको स्कूल और जूनियर कॉलेज तक पहुंचाने की अनुमति दी जाए. इसके बाद इन उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के लिए शिक्षकों के घरों तक पहुंचाने के लिए संबंधित शिक्षक अथवा कर्मचारी की आईडी कार्ड को देखकर आने-जाने को छूट दी जाए.

- 10 जून तक आ सकता है रिजल्ट

महाराष्ट्र में करीब 15 लाख छात्रों ने 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षा दी थी. सरकार के इस कदम से उनको काफी राहत मिलेगी. सभी छात्र रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. बहरहाल सरकार के इस फैसले से अब १० जून तक 10वीं और 12वीं का रिजल्ट आने की संभावना है.

गृहमंत्री ने दिया दो पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश


महाराष्ट्र के मंत्री आव्हाड की बेटी के खिलाफ फेक न्यूज



मुंबई, महाराष्ट्र के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड की बेटी के स्पेन से लौटने के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने की झूठी खबर चलाने वाले एक समाचार चैनल के संवाददाता और एंकर के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया है। इस संदर्भ में राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने संबद्ध समाचार चैनल का नाम नहीं बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस प्रक्रिया में कोरोना वायरस से संक्रमित किसी भी मरीज के नाम का खुलासा नहीं करने की आचार संहिता का उल्लंघन किया गया। उन्होंने कहा कि चैनल ने यह जानबूझकर किया और यह गैर जिम्मेदारी भरा गंभीर मामला है। गृहमंत्री देशमुख ने कहा कि ऐसे समय में जब कोरोना वायरस महामारी को लेकर डर का माहौल है तो ‘फर्जी और दहशत फैलाने वाली’ खबरों का प्रसारण करना गलत है। देशमुख ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘इसलिये संवाददाता और एंकर के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।’’ हालांकि, आव्हाड ने कहा कि देशमुख ने उनसे मामला दर्ज कराने को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया है क्योंकि वह प्रतिशोध से काम नहीं करना चाहते। आव्हाड ने खबर को लेकर चिंता जताने के लिये देशमुख का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, ‘‘  मैंने किसी के खिलाफ मामला नहीं दर्ज कराने का निर्णय लिया। चैनल अपना काम करते हैं। लोगों को निर्णय लेने दें। माफ करें और भूलें।’ गौरतलब हो कि हाल ही में गृह निर्माण मंत्री आव्हाड ने एक पुलिस अधिकारी से बातचीत की थी, जो बाद में संक्रमित पाया गया। जिसके बाद मंत्री आव्हाड ने एहतियात के तौर पर खुद को पृथक कर लिया था। बुधवार को उन्होंने बताया था कि उनकी जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई और वह स्वस्थ हैं।
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बदलापुर में फिर मिले ८ करोना के पॉजिटिव मरीज, आंकड़ा हुआ ११ 


बदलापुर। एक बार फिर गुरुवार को बदलापुर परिसर में रहने वाले ८ लोगों का रिपोर्ट करोना पॉजिटिव मिलने से पूरे बदलापुर परिसर में सनसनी फ़ैल गई है. बताया गया है कि कात्रप परिसर में ४ और अयोध्या नगर में ४ मरीज मिलने से घबराहट फ़ैल गई है. बताया जा रहा है चार दिन पूर्व उक्त इलाकों से जो ३ कोरोना के मरीज पाए गए थे ये सभी मरीज उन्हें के रिश्तेदार हैं. आपको बता दें कि चार दिन पूर्व बदलापुर पूर्व में रहने वाली एक ४५ वर्षीय महिला और उनकी २० साल की एक बेटी तथा बदलापुर पश्चिम में रहने वाला एक युवक कोरोना पॉजिटिव निकला. बताया जा रहा है कि महिला और उनकी लड़की लाॅक डाउन में सातारा में अपने एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में गई थी. वहां से वह कोरोना रोगी के संपर्क में आए और उन्हें कोरोना हुआ है. जबकि बदलापुर पश्चिम निवासी युवक वोक्हार्ट अस्पताल का कर्मचारी है. अब जो ८ नए मामले सामने आये हैं ये सभी उन्हीं तीनों मरीजों के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं.

पैसेंजर ट्रेनें १४ अप्रैल तक रद्द


कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने पहले ३१ मार्च तक समूचे देश में मेल/एक्सप्रेस, पैसेंजर तथा उपनगरीय ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया था. अब पीएम नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों तक पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा करते हुए जनता को घर पर ही रहने के लिए कहा है. जिसके बाद अब मध्य रेल ने कोविड-१९ के संदर्भ में लॉकडाउन के मद्देनजर १४ अप्रैल की रात १२ बजे तक (मेल/एक्सप्रेस, पैसेंजर, डेमू/मेमू, नेरल-माथेरान सेवाओं और उपनगरीय सेवाओं) को रद्द कर दिया है। मध्य रेल प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध करते हुए कहा है कि वे इस पर ध्यान दें।