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अप्रैल में 15 दिन रहेंगी बैंकों में छुट्टी

न्यूज़ 1 - अप्रैल में 15 दिन रहेंगी बैंकों में छुट्टी
न्यूज़ 2 - मुंबई में कोरोना से निपटने अब क्रूज, होटल, कॉलेज, जिमखाने बनेंगे क्वारंटाइन सेंटर
न्यूज़ 3 - लॉकडाउन तोड़ने और अफवाह फ़ैलाने वालों पर सरकार करेगी सख्त कार्रवाई 



धनुषधारी


मुंबई,  कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन  चल रहा है. यही कारण है कि बैंकों में कर्मचारियों की संख्या भी कम कर दी गई है. सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए बैंकों ने अपने टाइम टेबल में भी कुछ बदलाव किया है. कई तरह की छुट्टियों की वजह से निजी और सरकारी बैंक अप्रैल महीने में 9 दिनों के लिए बंद रहेंगे. इसके अलावा हर महीने दूसरे और चौथे शनिवार को भी बैंक बंद रहते हैं. इस प्रकार अप्रैल में कुल 15 दिनों के लिए बैंक बंद रहेंगे.

एटीएम में हो सकती है कैश की किल्लत



भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अप्रैल 2020 में राम नवमी, महावीर जयंती, गुड फ्राइडे, बिहू, ​तमिल न्यू ईयर आदि त्योहारों के मौके पर बैंकों की छुट्टी रहेगी. ऐसे में संभव है कि एटीएम में कैश की किल्लत भी हो सकती है. आइए जानते हैं कि अप्रैल में किस​-किस दिन बंद रहेंगे बैंक-
1 अप्रैल को एन्युअल क्लोजिंग और 2 अप्रैल को राम नवमी की वजह से बैंक बंद हैं. इसके बाद 6 अप्रैल को महावीर जयंती की वजह से बैंक बंद रहेंगे. 10 अप्रैल को गुड फ्राइडे है और 13 अप्रैल को बिहू फेस्टिवल की वजह से बैंक बंद होंगे. 14 अप्रैल को डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में बैंक बंद रहेंगे. 15 अप्रैल को बोहाग बिहू और हिमाचल डे है तो इस उपलक्ष्य पर भी बैंक बंद रहेंगे. इसके अलावा 20 अप्रैल को गड़िया पूजा और 25 अप्रैल को भगवान श्री परशुराम जयंती की वजह से बैंकों में कामकाज बंद होंगे. गौरतलब हो कि रविवार के अलावा, हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को भी बैंक बंद रहते हैं. इस वजह से 5, 11, 12, 19, 25 और 26 अप्रैल को भी बैंक बंद रहेंगे.
- 10 सरकारी बैंकों को हुआ विलय
१ अप्रैल को 6 सरकारी बैंकों को 4 अन्य सरकारी बैंकों में विलय कर दिया गया है. इस प्रकार अब इन 10 सरकारी बैंकों में केवल 4 ही बैंक बचे हैं. जिन 4 बैंकों में अन्य 6 बैंकों का विलय किया गया है वो पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया और इंडियन बैंक हैं.
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मुंबई में कोरोना से निपटने अब क्रूज, होटल, कॉलेज, जिमखाने बनेंगे क्वारंटाइन सेंटर


मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी इन दिनों कोरोना के संक्रमण से बेहाल है. मुंबई में कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों ने मुंबई मनपा प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है. अब कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए मनपा ने मुंबई शहर की खाली पड़ी आवसीय इमारतें, होटलों, धर्मशालाओं, क्लबों, कॉलेजों, हॉस्टलों, आवासीय क्रूज, मैरिज हॉल, जिमखाना आदि को क्वॉरंटाइन सेंटर बनाने का फैसला किया है. इसके लिए वॉर्ड के सहायक मनपा आयुक्त को खाली पड़े कमरों को अपने अधिकार में लेने का अधिकार दिया गया है. इनमें से कोई स्थान देने से मना करता है तो उस पर फौजदारी का मामला दर्ज किया जाएगा। मनपा आयुक्त प्रवीण परदेसी द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार सहायक मनपा आयुक्त इन स्थानों का उपयोग लोगों को क्वॉरंटाइन करने के लिए करेंगे। इसमें वही लोग रखे जाएंगे, जो कोरोना वायरस के मरीज के संपर्क में आए हैं लेकिन उनमें वायरस को लेकर कोई लक्षण सामने नहीं आए हों. गौरतलब हो कि यह महामारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रही है. इसे रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए व्यक्ति पर निगरानी रखी जा सके और वह व्यक्ति किसी और से न मिले, इसलिए ऐसे व्यक्तियों को क्वॉरेंटाइन करना जरूरी है. शहर में जिन व्यक्तियों का घर इमारतों में है और पर्याप्त जगह है, उन्हें घर में क्वॉरेंटाइन करना संभव है लेकिन जिन व्यक्तियों का घर छोटा है या झुग्गियों में रहते हैं,उन्हें उनके घर में क्वॉरेंटाइन करना एक चुनौती है. ऐसे व्यक्तियों को अगर उनके घर में क्वॉरेंटाइन कर दिया तो घर में छोटे बच्चे और उनके परिजन में भी संक्रमण फैल सकता है. मनपा आयुक्त ने मुंबई की भौगोलिक स्थिति और यहां के रहन-सहन को देखते हुए सभी २४ विभागों के सहायक मनपा आयुक्तों को आदेश दिए हैं कि वे तुरंत अपने क्षेत्र के क्रूज, होटल, कॉलेज, होस्टल, लॉज, बैंक्वेट हॉल, इंस्टिट्यूट, एक्जिबिशन सेंटर, क्लब, धर्मशाला, रिक्त आवासीय इमारतों के कमरों को अपने नियंत्रण में लें और उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाएं। इसके बाद उस इलाके के जिन लोगों को होम क्वारंटाईन किया गया है, उन्हें वहां पर रखें। अब सभी सहायक मनपा आयुक्तों को अपने विभाग के ऐसे स्थानों की एक सूची बनाना है, जिन स्थानों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया जाएगा उनमें रखे गए सभी व्यक्तियों की भोजन, पानी और अन्य सुविधाओं का ध्यान मनपा रखेगी। इसके लिए सहायक मनपा आयुक्तों को विशेष निर्देश दिए गए हैं.
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लॉकडाउन तोड़ने और अफवाह फ़ैलाने वालों पर सरकार करेगी सख्त कार्रवाई 

सरकारी डयूटी नहीं करने वालों पर भी होगी कार्रवाई


नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान बिना मतलब सड़कों पर घूमने वाले अब सावधान हो जाएं. अगर लॉकडाउन का उल्लंघन करते पाए गए तो अब सीधे जेल होगी. इसके तहत एक से दो साल तक की सजा हो सकती है. जी हाँ, लॉकडाउन के मामले में अब केंद्र सरकार सख्त हो गई है. पूरी तरह से लॉकडाउन का पालन कराने के लिए केंद्रीय गृह सचिव की ओर से सभी राज्यों को लेटर लिखा गया है. बताया जा रहा है कि लॉकडाउन का उल्लंघन को कोरोना से लड़़ाई लड़ रहे सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना माना जाएगा. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं अगर राहत कार्यों या उससे जुड़े सामानों की रकम में हेरफेर मिलने पर भी कड़ी कार्रवाई होगी और जेल भेजा जाएगा. इसके साथ ही अफवाह या गलत मैसेज फैलाने वालों को भी नहीं बख्शा जाएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें एक से दो साल तक के लिए जेल भी भेजा जा सकता है. जानकारी के अनुसार गृह सचिव ने सभी राज्यों को लेटर जारी करते हुए ये भी कहा है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी बिना उचित कारण के डयूटी पर नहीं आता है और छुट्टी कर लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उसके खिलाफ केस चलाया जाएगा. उसे एक साल तक की सजा हो सकती है.
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