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अत्यावश्यक सेवा के लिए चलने वाले वाहनों को ही अब मिलेगा पेट्रोल और डीजल


न्यूज़ 1 -अत्यावश्यक सेवा के लिए चलने वाले वाहनों को ही अब मिलेगा पेट्रोल और डीजल
न्यूज़ 2 - तेलंगाना के बाद अब महाराष्ट्र सरकार भी करेगी वेतन में कटौती
न्यूज़ 3 - कोरोना वायरस : मुंबई मनपा ने शवों को जलाने का आदेश लिया वापस

धनुषधारी

आवारागर्दी करने वालों पर नकेल कसने की तैयारी

उल्हासनगर। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर देशभर में २१ दिन का लॉक डाउन है. उल्हासनगर में भी ये संक्रमण ना फैले इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है लेकिन कुछ शरारती लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं जिसका खामियाजा अन्य लोगों को भी भुगतना पद रहा है. दरअसल कुछ शरारती या यूँ कहें कि आवारा गर्दी करने वाले बिना वजह सड़कों पर मोटरसाइकिल से घूमते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए ठाणे जिले के जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर ने जिले के सभी पेट्रोल पंप मालिकों को एक आदेश जारी कर १४ अप्रेल तक सिर्फ अत्यावश्यक सेवा के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों को डीजल और पेट्रोल देने का आदेश दिया है ।


 इस संदर्भ में उल्हासनगर मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख का कहना है कि देश में संचार बंदी (लॉक डाउन) होने के बाद लोगों में अफरा तफरी न मचे इसलिए धीरे-धीरे जनजीवन के लिए इस्तेमाल किये जाने वाली मूलभूत जैसे राशन, सब्जी, दूध, मेडिकल स्टोर इत्यादी अत्यावश्यक सेवाओं को धीरे-धीरे शुरू किया गया। आयुक्त सुधाकर देशमुख ने कहा कि, पुलिस उपायुक्त प्रमोद शेवाले तथा मनपा प्रशासन द्वारा  लगातार शहरवासियों से अपील की जा रही है कि जरूरत का सामान लेने के लिए ही मास्क पहनकर घरों से निकले और एक-दूसरे के बीच दूरी बनाकर रखें. लेकिन शाम के समय तो लोग सब्जी मंडी में तो हद ही कर रहे हैं. वहां चार-चार पुलिस कर्मियों की  तैनाती के बावजूद लोग अब भी जानलेवा महामारी "कोरोना वायरस " से अज्ञान दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं लोग बिना वजह सड़कों पर चक्कर लगाते हुए देखे जा रहे हैं. आयुक्त ने कहा कि इन सब से लोगों को बचना चाहिए.
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तेलंगाना के बाद अब महाराष्ट्र सरकार भी करेगी वेतन में कटौती


मुंबई। भले ही केंद्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर से अपील की है कि कोरोना की वजह से कर्मचारियों के वेतन में कटौती ना की जाए, लेकिन राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती शुरू कर दी है। तेलंगाना के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी करोना संकट की वजह से वेतन में कटौती का आदेश जारी कर दिया है। दरअसल कोरोना महामारी का सबसे बड़ा शिकार महाराष्ट्र हुआ है, ऐसे में इस संकट के बीच मंगलवार को राज्य के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने इस फैसले के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह कटौती मुख्यमंत्री से लेकर सी ग्रेड तक के कर्मचारियों के मार्च महीने की सैलरी से होगी। वेतन में कटौती 60 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक होगी। हालांकि, डी ग्रेड के कर्मचारियों को इससे राहत दी गई है। राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की तन्ख्वाह में 60 फीसदी तक की कटौती होगी. ए और बी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 50 फीसदी, सी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी की कटौती की जाएगी. हालांकि, सरकार ने इस फैसले से डी क्लास के कर्मचारियों को अलग रखा है और उन्हें पूरी तन्ख्वाह मिलेगी. इससे पहले सोमवार को तेलंगाना सरकार ने भी राज्य के सभी मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों की सैलरी में 75 प्रतिशत तक की कटौती का फैसला किया है।
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 कोरोना वायरस : मुंबई मनपा ने शवों को जलाने का आदेश लिया वापस


मुंबई। कोरोना वायरस के चपेट में आने से मरने वालों के शवों को जलाने का आदेश मुंबई महानगरपालिका ने वापस ले लिया है. पहले मनपा ने अपने आदेश में कहा था कि अगर किसी मरीज की मृत्यु कोरोना वायरस के कारण होती है तो चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय का हो, उसके शव को जलाया जाएगा. लेकिन राजनीतिक दबाव के बाद इस आदेश को मनपा प्रशासन ने वापस ले लिया है. अब इसकी समीक्षा किए जाने के बाद एक नया आदेश जारी हुआ. इसमें कहा गया कि अगर कोई शव को दफनाना चाहता है तो उसे पुलिस की मौजूदगी में सभी जरूरी सावधानियां बरतनी होंगी. अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उस शख्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दरअसल पिछले आदेश में मुंबई महानगरपालिका ने यह भी कहा था कि अगर कोई शव को दफनाना चाहता है तो वह मुंबई के क्षेत्राधिकार से बाहर कर सकता है. जैसे ही मनपा ने पहला आदेश जारी किया तो राजनीतिक पार्टियों की ओर से इसे तुरंत वापस लिए जाने का दबाव बनाए जाने लगा. हालांकि नया आदेश जारी होने के बाद महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा कि मैंने मुंबई के मनपा आयुक्त प्रवीण परदेशी से सर्कुलर के बारे में बात की है. उन्होंने कहा कि पिछले सर्कुलर को रद्द कर दिया गया है. हालांकि पिछले आदेश पर मनपा ने तर्क दिया था कि जिन भी परंपराओं में शवों को छूना शामिल है, उससे बचना होगा.








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