उल्हासनगर: मौत के बाद महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी
उल्हासनगर (नि.सं.)। उल्हासनगर कैंप-3, फालवर लेन परिसर में रहने वाली एक 88 वर्षीय महिला की कैंप-3 स्थित क्रिटीकेयर अस्पताल में मौत हो गयी. महिला की मौत के बाद जब उसकी मेडिकल जांच रिपोर्ट आयी जिसमें महिला कोरोना पॉजिटिव पायी गयी. बुधवार को जैसे ही यह खबर लोगों को मिली शहर में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया, इस बीच कुछ लोगों ने बिना पूरी जांच के सोशल मीडिया में तरह-तरह की अफवाहें फैलानी शुरू कर दी, जिससे लोगों में हड़कंप मच गया। दैनिक ‘धनुषधारी’ ने जब इस बात की जानकारी के लिए क्रिटीकेयर हॉस्पीटल के चीफ डॉक्टर प्रकाश कोरानी से संपर्क किया तो उन्होंने इस खबर को तो सही बताया, परन्तु अस्पताल या इलाज को लेकर जो अफवाहें फैलायी जा रही है उस पर उन्होंने दुःख व्यक्त किया।
डॉ. कोरानी ने बताया कि फालवर लेन, उल्हासनगर-3 में रहने वाली 88 वर्षीय महिला को उसके परिजन बीमार होने के कारण डॉ. राहुल पांडे के पास लेकर गये, परन्तु स्थिति में सुधार ना होने के चलते परिजन महिला को क्रिटीकेयर हॉस्पीटल लेकर आये, भर्ती करवाने के दौरान महिला को बुखार नहीं था और घर वालों का भी कहना था कि महिला काफी लंबे समय से घर पर ही है और किसी से मिली-जुली नहीं. हालांकि फिर भी अस्पताल की ओर से उसका एक्सरे निकाला गया जिसमें हमें कुछ संदेह हुआ, हमने महिला को कोरोना संदेहास्पद मरीज मानकर उसका नियम और सावधानी के साथ इलाज शुरू कर दिया, इस बीच मंगलवार को महिला की मौत हो गयी और मौत के बाद हमने मनपा प्रशासन और पुलिस को उसकी सूचना दी और शव को पूरी एतियात के साथ प्लास्टिक बैग में रखा और महिला का अंतिम संस्कार किया गया। डॉ. कोरानी के अनुसार मंगलवार को जब महिला की जांच रिपोर्ट आयी तो उसमें वह कोरोना पॉजिटिव निकली।
डॉ. प्रकाश कोरानी ने बताया कि महिला की मौत से पहले हमारी अस्पताल ने ही पहले उसका एक्सरे निकाला और उसे कोराना संदिग्ध समझकर सरकार की ओर से तय नियमों और सावधानी के तहत उनका इलाज किया गया. इसके अलावा हमारा अस्पताल सरकारी शर्तो और नियमों के तहत कार्य कर रहा है और हर सेक्शन के मरीजों को अलग-अलग रखा गया है, ताकि किसी संदिग्ध कोराना मरीज निकले तो उससे किसी अन्य को संक्रमण का खतरा ना हो. हालांकि उन्होंने इस मामले में सोशल मीडिया पर उड़ाई जा रही अफवाहों को दरकिनार करते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से मनपा प्रशासन और पुलिस के सज्ञान में और जानकारों की देखरेख में ही इस मामले को देखा गया है, जिसमें क्रिटीकेयर अस्पताल ने और अस्पताल के स्टॉफ ने सरकार द्वारा तय मानदंड और प्रोटोकाल का पालन किया।

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